पूर्वांन्चल एक्सप्रेसवे परियोजना का विवरण एवं अद्यतन स्थितिः-
- प्रारम्भ बिन्दुः (लखनऊ-सुल्तानपुर रोड) एन.एच-731 पर स्थित ग्राम-चांदसराय, जनपद- लखनऊ
- अंतिम बिन्दुः यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी0 पूर्व एन.एच 19 ग्राम-हैदरिया, जनपद-ग़ाज़ीपुर,
- पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 06 लेन एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई-340.824 किमी।
- परियोजना लागत- रू. 22,494.66 करोड़ (भूमि लागत सहित)।
- एक्सप्रेसवे पर पडने वाले अन्य जनपदः 1-लखनऊ, 2-बाराबंकी, 3-अमेठी, 4-सुलतानपुर, 5-अयोध्या, 6-अम्बेडकरनगर, 7-आजमगढ, 8-मऊ, 9-गाजीपुर।
- परियोजना क्रियान्वयन हेतु परियोजना को 08 पैकेजों में विभक्त किया गया है।
- समस्त पैकेजों पर परियोजना विकासकर्ताओं के अक्टूबर, 2018 से अनुबंध गठित है। परियोजना को 36 माह में पूर्ण किया जाना है, इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 16 नवंबर, 2021 को मा0 प्रधानमंत्री जी के कर कमलों द्वारा कुरेभार स्थित-हवाई पट्टी, जनपद-सुल्तानपुर में सकुशल संपन्न हो चुका है।
- कोविड - 19 के कारण निष्पादित समझौतों के अनुसार, निर्माण कार्य पूर्ण होने की तारीख अक्टूबर 2021 है।
परिचय
दूरस्थ पूर्वी क्षेत्रों के विकास के लिए, राज्य सरकार ने राजधानी (लखनऊ) से एक और एक्सप्रेसवे बनाने की परियोजना तैयार की है जो आजमगढ़ से होते हुए पूर्वी क्षेत्रों से जुड़ा होगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र न सिर्फ प्रदेश के अन्य शहरों से जुड़ जाएंगे बल्कि अन्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से भी जुड़ जाएंगे।
परियोजना के प्रमुख विशेषताएं
प्रारम्भ होने का स्थान |
चांद सराय (जिला लखनऊ) के पास एनएच -731 के साथ सड़क क्रॉस सेक्शन का निर्माण। |
समाप्ति का स्थान |
एनएच-19 पर ग्राम-हैदरिया, जिला गाजीपुर में। |
विशेषताएं |
- अनुमानित कुल लंबाई- 340.824 किमी
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कार्यान्वयन की विधि |
यह परियोजना अभियांत्रिकी, क्रय व निर्माण मोड (ई पी सी ) पर क्रियान्वित की जा रही है | |
पैकेजवार परियोजना रिपोर्ट
परियोजना के फायदे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही प्रदेश के पूर्वी शहर प्रदेश की राजधानी के साथ-साथ अन्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से भी जुड़ जाएंगे, जिससे पूर्वांचल के शहरों से ट्रांसपोर्ट में काफी हद तक सुविधा मिल सकेगी। यह एक्सप्रेसवे वर्तमान के 'आगरा से लखनऊ एक्सप्रेसवे' और मौजूदा 'यमुना एक्सप्रेसवे' से भी जुड़ जाएगा।
एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे होने के कारण, यह ईंधन बचत, समय बचत और प्रदूषण नियंत्रण में मदद करेगा और साथ ही इससे दुर्घटनाएं होने के आसार भी कम हो जाएंगे।
इस एक्सप्रेसवे द्वारा आच्छादित क्षेत्रों को सामाजिक और आर्थिक रूप से विकसित होने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और अन्य औद्योगिक विकास को भी काफी प्रोत्साहन मिलेगा।
एक्सप्रेसवे के नजदीकी क्षेत्रों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, नए शहर और विभिन्न वाणिज्यिक केंद्रों को स्थापित किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और बढ़ जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रदेश के आर्थिक/सामाजिक विकास को भी काफी हद तक प्रोत्साहन मिलेगा।
क्षेत्र के कृषि, वाणिज्यिक, पर्यटन और औद्योगिक विकास में एक्सप्रेसवे का निर्माण मील का पत्थर साबित होगा।
प्रस्तावित पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, मौजूदा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ जाने के फलस्वरूप यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचली शहरो के आद्यौगिक विकास का प्रवेश द्वार साबित होगा, जिससे पश्चिमी शहरों से ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी में काफी मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप परियोजना से जुड़े शहरों का सर्वागींण विकास होगा।