उत्तर प्रदेश में विश्व स्तरीय एक्सप्रेसवे निर्मित करने के दृष्टिगत, आने वाले वर्षों में प्रदेश को जल्द ही विभिन्न एक्सप्रेसवे का तोहफ़ा मिलने वाला है। उत्तर प्रदेश के जनपदों को अन्य शहरों व राज्यों से जोड़ने के लक्ष्य से राज्य सरकार जल्द ही विभिन्न एक्सप्रेसवे परियोजनाएं शुरु करने जा रही है। विगत वर्षों में यह देखा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को प्रारम्भ किया गया है जिसके फलस्वरूप प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला तथा विभिन्न शहरों के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार आया है। इन एक्सप्रेसवेज़ के माध्यम से न केवल राज्य में विसंकुलन कम हुआ है बल्कि काफी हद तक प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट आई है। उत्तर प्रदेश में शीर्ष 02 आगामी एक्सप्रेसवे परियोजनाएं निम्न प्रकार हैं:-
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
पूर्वाञ्चल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास गत वर्ष, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश में किया गया था | यह उच्चमार्ग परियोजना लखनऊ जनपद के चाँद सराय से प्रारम्भ होगी व गाज़ीपुर जनपद के हैदरिया में समाप्त होगी | यह वाराणसी से भी एक अलग लिंक रोड के माध्यम से जुड़ेगी | इस उच्चमार्ग की स्थापना द्वारा, मंत्रालय का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के नौ जनपदों यथा लखनऊ, अमेठी, अयोध्या, गाज़ीपुर, बाराबंकी, मऊ, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर व सुल्तानपुर को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना है | यह उच्चमार्ग उपरोक्त जनपदों के लोगों को आगरा -ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे तथा आगरा -लखनऊ एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली से भी जोड़ देगा |
गंगा एक्सप्रेसवे
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे 1,020 किलोमीटर लंबा होने की संभावना है | यह उच्चमार्ग परियोजना, जो कि दो चरणों में विकसित की जाएगी, इसके प्रथम चरण में मेरठ से प्रयागराज तक 596 किलोमीटर लंबा सड़क खण्ड विकसित होगा | द्वितीय चरण में टिगरी से उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा तक 110 किलोमीटर लंबी सड़क विकसित की जाएगी तथा 314 किलोमीटर लंबा खंड प्रयागराज से बलिया तक विकसित किया जाएगा | प्रथम चरण में 12 जनपद यथा मेरठ, हापुड़, संभल, ज्योतिबा फुले नगर, बदायूं, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, फ़र्रुखाबाद, राय बरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज हैं | इसमें चार लेन (जिसे छे लेन ग्रीन फील्ड तक बढ़ाया जा सकता है) उच्चमार्ग सम्मिलित होगा | इस मार्ग का राइट ऑफ वे 110 मीटर है तथा इसे 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से वाहन चलाने हेतु डिज़ाइन किया गया है | इस एक्सप्रेसवे पर 8 रोड ओवर ब्रिज तथा 18 फ्लाईओवर भी निर्मित किए जाएंगे |
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