उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, आमतौर पर यूपीडा के नाम से संबोंधित किया जाता है। इसकी स्थापना यूपी औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976 के अंतर्गत हुई थी। इसकी स्थापना प्रदेश में एक्सप्रेसवे परियजनाओं के कार्यान्वयन करने के लिए बतौर एजेंसी के रूप में की गई है एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सौंपी गई परियोजनाओं पर यह संस्था काम करेगी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार ने इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एण्ड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर यूपीडाको चार ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे परियोजनाएं सौंपी हैं।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना 302.22 किलोमीटर लंबी है, जो आगरा से शुरू होकर फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, उन्नाव, हरदोई से गुजरती है और लखनऊ जिले में समाप्त होती है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से आगरा से लखनऊ के लिए यात्रा का अपेक्षित समय 4 घंटे तक कम हो जाएगा। एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 6 लेन (8 लेन तक विस्तारणीय होगी और सभी संरचित 8 लेन के साथ) 120 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति के साथ की गई है इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 21.11.2016 को किया गया है और वर्तमान में यह एक्सप्रेसवे चालू है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना 340.824 किलोमीटर लंबी है, जो लखनऊ से शुरू होकर बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ जिलों से गुजरते हुए गाजीपुर में समाप्त होती है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 6 लेन (8 लेन के रूप में सभी संरचनाओं के साथ 8 लेन तक विस्तार योग्य) 120 किमी / घंटे की डिजाइन गति के साथ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेसवे परियोजना है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना 296.07 KM लंबी है, जो चित्रकूट से शुरू होकर बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया जिलों से गुजरती है और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर जिला इटावा में समाप्त होती है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 4 लेन (6 लेन के रूप में सभी संरचनाओं के साथ 6 लेन तक विस्तार योग्य है) 120 किमी / घंटे की डिज़ाइन गति के साथ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेसवे परियोजना है। यह एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है और वर्ष 2022 के अंत में चालू होने की उम्मीद है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना 91.352 किलोमीटर लंबी है, जो गोरखपुर से शुरू होकर अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर जिलों से गुजरती है और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जिला आज़मगढ़ में समाप्त होती है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 4 लेन (6 लेन के रूप में सभी संरचनाओं के साथ 6 लेन तक विस्तार योग्य है) 120 किमी / घंटे की डिजाइन गति के साथ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेसवे परियोजना है। यह एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है और वर्ष 2023 में चालू होने की उम्मीद है।
उक्त एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के अलावा, यूपीडा मेरठ से प्रयागराज तक 594.00 किमी0 लम्बे गंगा एक्सप्रेसवे को विकसित करने जा रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाजापुर, हरदोई, उन्नाव, राय बरेली और प्रतापगढ़ जिलों से होकर गुजरेगा।
सभी एक्सप्रेस-वे में इंटरचेंज, क्रॉस रोड, पैदल यात्री और जानवरों के लिए अंडरपास, आईआरसी के अनुसार ग्रीन बेल्ट: एसपी: 21-2009 विनिर्देश और सर्विस रोड का प्रावधान है। बाकी क्षेत्रों में पेट्रोल पंपों, सर्विस स्टेशनों और रेस्तरां आदि के लिए भी प्रावधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश की इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के कार्यान्वयन से काफी हद तक ईंधन की भी बचत होगी, जिससे प्रदूषण में भी काफी गिरावट आने की संभावनाएं बढ़ जाएगी। इस परियोजना के तहत आने वाले सभी क्षेत्रों का आर्थिक एवं सामाजिक विकास होगा तथा महत्वपूर्ण शहरों के बीच त्वरित व्यापार सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त कृषि, वाणिज्य, पर्य़टन एवं औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
इन एक्सप्रेसवे के बनने से हथकरघा, खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज, भण्डारण एवं दुग्ध उद्योग के विकास एवं इन्हें स्थापित करने के अवसर भी बढ़ जाएंगे। इस परियोजना से नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षिक संस्थान, मेडिकल संस्थान एवं नए उपग्रहों एवं स्मार्ट सिटी को स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।